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Achievements of IBA-UFBU Meeting Held on 16th April 2015
by
Rajesh Goyal & Kamlesh Chaturvedi
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After a month, there was again a meeting of IBA and UFBU to discuss some of the residual issues of officers and workmen. This meeting held on 16th April 2015, was much awaited by bankers as 50 days of the 90 days to fnalise the agreement (as announced on d23rd Februry 2015) are now over. For the whole day I am was waiting to know the final outcome of the meeting. Let me share the tit and bits received by us about the meeting held on 16th, and the opinion of one of the frank leaders Mr Kamlesh Chaturvedi on this subject :-
Discussion Details of the Meeting : Part 1 : Morning Session was headed by Shri Arun Tiwari: The detailed discussion between IBA and UFBU were held on the new proposed Medical Reimbursement Scheme with Health Insurance tie-up. Soon there was a divide between Public Sector Bank Employees and SBI. Finally SBI opted out of the proposed Scheme as they felt that the existing SBI scheme is better than what is now being offered to PS Bank employees. It seems UFBU has also asked for similar scheme for reitrees too. Thus, it is expected that the medical reimbursement scheme will be finalized soon. Part 2 : This Afternoon Session was headed by Shri Ashwin Mehra. Dicussion took place on the following Allowances:-
- (above 3000 mts) to be increased from Rs1295 to Rs.1500 - (Above1500 upto 3000 mts) from Rs 510 to Rs 600 - (Above 1000 to 1500 mts ) from Rs 410 to Rs, 500. 3. Project Area : Group A Max 250 -Min 200.
Unions have hailed these to be great achievement after day long discussions. Ads by Google
Views / Analysis of the Progress in Meeting dated 16th April (by Mr. Kamlesh Chaturvedi) .:- As I was struggling for my words as to how I should list the progress, I came across the following write up by Mr. Kamlesh Chaturvedi. Thus I was saved from all the trouble of writing my comments. I am giving his comments (in Hindi) so that readers can figure out what exactly they have got from the day long meeting and firm up their views on the progress :-
[On the request of number of our readers, we have tried to give a rough translation of the views of Mr Kamlesh Chaturvedi. The English translation will find have that punch which we can have in original language. [I always say the dialogues of Sholay can not be translated and enjoyed in any other language as one can enjoy the same in original Hindi version] - English translation added on 17th April Evening.
आज हमारे नेताओं ने बैंक कर्मियों के भले के लिए पूरे दिन जद्दोजहद की. खाने की बात तो दूर एक घूंट पानी तक नहीं पिया. वार्ता करके जब शाम को नेता लोग बहार निकले तो भूख और प्यास से उनके चेहरे जहाँ बुझे हुए थे वहीँ उनकी आँखें वह सफलता बयां कर रही थीं जो आज दिन भर भूखे प्यासे रह कर उन्होंने अर्जित की. इसीलिए तो कहते हैं फेसबुक पर कमेंट करना बहुत आसान है और कुछ करके दिखाना बहुत कठिन. जो सूचनाएं साझा की गयी हैं यदि वह सही हैं तो आइये जरा गौर करें कि आखिर आज हमारे नेताओं ने हमारे लिए क्या क्या हासिल किया:
Today our leaders struggle all day for the benefit of employees of the bank. Forget about the food, they did not even have a sip of water. By the evening, when these leaders came out of the meeting their faces were exhausted, but their his eyes were shining with ray of success that they achieved by staying hungry and thirsty. That is why they always tell that it is easy to comment at Facebook but very difficult to perform. Based on the information shared by these leaders, let us discuss what has been achieved by them in today's talks
(२) सूचनाओं के मुताबिक दूसरी ऐतिहासिक सफलता मिलते मिलते रह गयी जब बैंक कर्मियों की सबसे बड़ी यूनियन के नेता, बैंक कर्मियों के मसीहा और उनके दिलों में राज करने वाले नेता जी ने यह कह कर शनिवार अवकास का पुरजोर विरोध किया कि बाँकी दिनों के लिए एक घंटा कार्य समय बढ़ाये जाने से महिला कर्मियों को बहुत परेशानी होगी. अगर नेता जी की बात आज मान ली गयी होती या आगे चल के मान ली गयी तो वे कर्मचारी बहुत खुश होंगे जिन्होंने शनिवार अवकास की बात सुनते ही वेतन आयोग या फिर समानता और बराबरी के संघर्ष से तौबा कर ली थी और 15% वृद्धि पर कितनी सैलरी बढ़ेगी की गड़ना के साथ एरियर की गड़ना भी कर डाली थी, साथ ही उन शनिवार का हिसाब भी लोगों को बता कर ख़ुशी का अहसास किया था कि कौन कौन से शनिवार अवकास के साथ पड़ रहे हैं. वो साथी तो खुशी के मारे झूम रहे होंगे नाच रहे होंगे जिन्होंने अपनी विद्वता प्रदर्शित करते हुए यह जानकारी साझा की थी कि ११ अप्रैल को पड़ने वाला शनिवार वह ऐतिहासिक शनिवार होगा जब शनिवार अवकास की शुरुआत होगी. ११ अप्रैल वाला शनिवार भी निकल गया.
३) कुछ ऐतिहासिक सफलताएं ये बतायी गयी हैं :
-क्लर्क को अब रुपये ५०० की जगह रुपये ७०० बड़े शहरों में बैंक के काम से जाने पर हाल्टिंग अलाउंस के रूप में मिलेंगे जिससे अब वे होटल में रहने के साथ साथ दोनों वक्त के खाने और नास्ते का खर्च शान से निकाल सकेंगे. चपरासी भाई भी निराश न हों उन्हें मौजूदा ३७५ रुपये की जगह पूरे ५०० रुपये मिलेंगे.
- एक खबर यह भी है पता नहीं झूठ या सच की सिंगल विंडो ऑपरेटर बी की कैश पेमेंट की पावर अब रुपये ३५००० होगी, विशेष सहायक और हेड केशियर की पावर ५००००. इनका अलाउंस कितना होगा यह अगली मीटिंग में तय होगा.
- छुट्टियों के बारे में जो ऐतिहासिक सफलताएं अर्जित की गयीं हैं वह तो और भी शानदार और मजेदार हैं. जैसे की एक्स्ट्रा आर्डिनरी लीव जिसका न तो वेतन मिलता है और जो सीनियरिटी की गड़ना में शामिल भी नहीं होती अब बढ़ा दी गयी है.
- We are not sure whether it is true or not, but reports indicate that now
Single Window Operator B will make cash payments to the tune of Rs 35,000,
Special Assistant to the Head Cashier the power will be increased to Rs 50000.
The next meeting will determine how much allowance will be increased. - स्टडी लीव शुरू की जायेगी जो एक्स्ट्रा आर्डिनरी लीव की तरह होगी यानी न तो लीव का पैसा मिलेगा और न यह सीनियरिटी में शामिल होगी.
कुल मिला कर सफलताएं ऐसी हैं कि "न भूतो न भविस्यति" न तो पहले कभी इतनी शानदार सफलताएं मिली हैं और ना आगे कभी मिलेंगी.
Overall, the successes are such that neither they were ever seen earlier not anybody will see in future.
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